jaham ugravadiyom ki him'mata hoti hai!

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Overview

कभी पृथ्वी का स्वर्ग कहे जाने वाले पृथ्वी के उस सुन्दर हिस्से का रूप कुछ इस तरह से बदल गया था जैसे किसी चित्रकार ने प्रकृति का एक बहुत ही खूबसूरत चित्र बनाकर उसपर खून के छींटे मार दिए हों!

युगों से एक साथ प्रेम से रह रहे दो धर्मो के लोगों के बीच राजनीतिक चालों और पैसों के घिनौने खेल के कारण इतना मतभेद उत्पन्न हो गया था के हर दिन ही उस इलाके के किसी ना किसी हिस्से में कुछ लाशें गिरने लगी।

इलाके को छोड़कर देश के दूसरे हिस्सों में शरणार्थियों सा जीवन बिताने वाले विस्थापित लोगों की ये एक ऐसी मार्मिक कहानी है जो आपकी आँखों में आंसू लाने के साथ साथ आपको ये सोचने के लिए मजबूर कर देगी के आज की इस दुनिया में जहां पृथ्वी एक सामूहिक घर जैसा ही बन गयी है वहां एक ऐसी जगह भी है जो करीब तीन दशकों से रक्तरंजित और पीड़ित है। जी हाँ, हम कश्मीर और विस्थापित लोगों की बात कर रहे हैं।

आपने बहुत सी कहानियां और फिल्में देखी होंगी इस विषय पर लेकिन आज भी लाखों सुरक्षाकर्मियों की मौजजूदगी और सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद कश्मीर एक ऐसी जमीन है 'जहाँ उग्रवादियों की हिम्मत होती है..."

शुक्रिया

प्रोफेसर राजकुमार शर्मा

जहाँ उग्रवादियों की हिम्मत होती है!
कॉपीराइट
तालिका
दो शब्द
भयानक काल
प्रताड़ना
आदिल अली और माधव जी
यादें और आगे
बेटी और दामाद
सच्चाई से सामना
अगले कदम
कुछ निश्चित नहीं


Product Details

BN ID: 2940165933226
Publisher: Raja Sharma
Publication date: 09/18/2022
Sold by: Smashwords
Format: eBook
File size: 335 KB
Language: Hindi
From the B&N Reads Blog

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